यह एक युवा लड़के और उसकी बहन के बारे में एक डरावनी कहानी है, जो घर पर अकेले रह जाते हैं जब उनके माता-पिता एक रात के लिए बाहर जाते हैं। यह एक पुराने घटना पर आधारित है।
जब उनकी माँ घर से जा रही थी, तो उन्होंने अपने बच्चों से कहा कि वे किसी भी परिस्थिति में दरवाजा न खोलें।
"अगर कोई खटखटाता है, तो उसका जवाब ना दें," उसने उनसे कहा।
लेकिन लड़के और उसकी बहन ने अपनी माँ की चेतावनी पर खास ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा कि वह बहुत सावधान हो रही है। उन्हें लगा कि वे किसी भी स्थिति में अपना ख्याल रख सकते हैं।
माता-पिता के जाने के लगभग एक घंटे बाद, बच्चों ने सामने के दरवाजे पर "दस्तक, दस्तक, दस्तक" सुनी। उन्होंने इसे अनदेखा करने का फैसला किया, लेकिन फिर से, उन्होंने "दस्तक, दस्तक, दस्तक" सुना। यह बार-बार हुआ और हर बार यह जोर से बढ़ता गया।
आखिरकार, लड़की से यह और बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपने भाई से कहा कि वह दरवाजे का जवाब देने जा रही है। जब लड़के ने उसे अपनी माँ की चेतावनी याद दिलाई, तो लड़की ने उसकी एक न सुनी।
फिर से, उन्होंने दरवाजे पर "दस्तक, दस्तक, दस्तक" सुनी। अंत में बहन नीचे चली गई। उसका भाई सोफे पर लेटा टीवी देख रहा था। उसने सीढ़ियों से नीचे जाते हुए अपनी बहन के कदमों की आहट सुनी। उसने उसे जोर से यह पूछते हुए सुना "यह कौन है?"। उसने उसे सामने के दरवाजे पर ताला खोलने की आवाज सुनी।
फिर उसने केवल सन्नाटा सुना। वह कुछ देर वहीं पड़ा रहा और किसी भी आवाज़ को सुनने की कोशिश करता रहा, लेकिन कोई नहीं था। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उसको डर लगने लगा क्योंकि उसकी बहन अभी तक वापस नहीं आई थी। वह अपनी बहन को बुलाने से डर रहा था, इसलिए वह पिछले दरवाजे से चुपके से निकल गया और अपने पड़ोसी के घर चला गया।
जब वह उनके घर गया तो उसका पड़ोसी टीवी पर स्थानीय समाचार की चैनल देख रहा था। टीवी पर समाचार पढ़ने बाला ब्यक्ति एक हत्या की बात कर रहा था। फिर उन्होंने हत्या के दृश्य में एक टीवी पर लाइव दिखाया।
पड़ोसन ने लड़के से कहा, "अरे ये तो तुम्हारे घर जैसा दिखता है"।
लड़का डर के मारे काँप रहा था। "वह मेरा घर है", लड़के ने कहा। "और वह मेरा सामने का दरवाजा है"।